उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान
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उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान : संक्षिप्त परिचय
भाषा संस्थान उत्तर प्रदेश का एक अभिन्न उपक्रम है, जिसकी स्थापना वर्ष 1994 की गई। इसका उद्देश्य भाषाओं एवं उनके साहित्य का अभिवर्धन है। प्राचीन काल से भारत बहुभाषी क्षेत्र रहा है। भारत के भाषिक यथार्थ का एक तथ्य यह भी है कि यहाँ भाषाओं से अधिक भाषाओं के नाम हैं। भाषा भिन्न-भिन्न देश काल में विवर्तित होकर स्वतन्त्र नाम और रूप धारण कर लेती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में अब तक 22 भाषाएँ आ चुकी हैं और कई अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं ।
- भारत भौगोलिक रूप से उपमहाद्वीप है, लेकिन सांस्कृतिक और ज्ञान के वैभव में एक महाद्वीप के समान है।
- इस संसार में ऐसा कोई ज्ञान नहीं है, जो भाषा में सम्बद्ध हुए बिना सम्भव है।
- भारतीय भाषाएँ सदैव एक दूसरे की अनुपूरक रही हैं, संस्कृत-प्राकृत जैसी अवधारणाएँ इसी का प्रमाण है
- भारतीय भाषाएँ सदैव एक दूसरे की अनुपूरक रही हैं, संस्कृत-प्राकृत जैसी अवधारणाएँ इसी का प्रमाण है

हमारा मिशन
शिक्षा, नवाचार, संस्कृति और मूल्यों के माध्यम से समावेशी विकास व आत्मनिर्भर, सशक्त भारत का निर्माण करना।
हमारा दृष्टिकोण
एक ऐसे भारत का निर्माण जहाँ हर व्यक्ति को समान अवसर मिले, ज्ञान, नैतिकता और नवाचार के माध्यम से समाज समृद्ध और सशक्त बने।
हमारे मूल्य
सत्यनिष्ठा, समानता, नवाचार, सहयोग, सम्मान, उत्कृष्टता और दायित्व हमारे मूल मूल्य हैं, जो हमारे कार्यों का आधार हैं।
हमारे कार्यकर्ता

अंजू सिंह
वैयक्तिक सहायक

आशीष वार्ष्णेय
कंप्यूटर ऑपरेटर

हर्ष राज अग्निहोत्री
कनिष्ठ सहायक/ स्टोर कीपर

प्रियंका टंडन
कैटलॉगर

प्रतिभा निगम
सहायक

बृजेश यादव
अनुसेवक

शशि
सफाई कर्मचारी